बारूद की खेती करते लोग

 ताजनगरी के एक गांव में उगाई जाती है लोगों की जिंदगियां दांव पर लगाने वाली फसल

ग्रामीणों का कहना है कि बेरोजगारी के चलते दो जून की रोटी के जुगाड़ के लिए ये काम करना उनकी मजबूरी है.

 
 
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