गिनीज बुक में पहुंची खिचड़ी

 गिनीज बुक तक पहुंची खिचड़ी के तड़के की महक

बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने वाली प्रमुख संस्था अक्षयपात्र के उत्तर भारत के अध्यक्ष नरसिंह दास ने संवाददाताओं को बताया कि इस खिचड़ी को बनाने में करीब 125 किलो चावल, 45 किलो मूंग छिल्का की दाल, ढाई-तीन किलो घी और सुविधानुसार नमक का इस्तेमाल किया गया है.

 
 
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