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- अंहकारी रावण का हुआ अंत

रावण, कुंभकरण और मेघनाद का जैसे ही वध हुआ उनके प्रतीकात्मक स्वरूप पुतले धू-धू कर जल उठे. पूरा मैदान पर जलकर आग की चिंगारियां पड़ रही थी.
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रावण, कुंभकरण और मेघनाद का जैसे ही वध हुआ उनके प्रतीकात्मक स्वरूप पुतले धू-धू कर जल उठे. पूरा मैदान पर जलकर आग की चिंगारियां पड़ रही थी.