शहनाई थी बिस्मिल्लाह की बेगम

Death Anniversary: शहनाई को अपनी बेगम कहते थे बिस्मिल्लाह खां

उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल थे. वह मजहब-जात से परे सरस्वती के भक्त थे और अक्सर वाराणसी के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर समेत अनेक हिन्दू पूजास्थलों पर शहनाई बजाने के लिए जाते थे.

 
 
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