एक थीं अरुणा शानबाग....

एक थीं अरुणा शानबाग....अंतहीन पीड़ा से मुक्त होकर सबको रोता छोड़ गईं अरुणा

यही नहीं इस फैसले को वापस लेने के लिए नर्सों ने डीन के खिलाफ नारेबाजी की थी. नर्सों का कहना था कि जब उसे परिजनों के जरुरत थी जब कोई नहीं आया अब क्यों सुध ली है. नर्सों की बात मानते हुए अस्पताल प्रशासन की तरफ से ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न की गई.

 
 
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