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- रूठी गौरैया को मनाएं कैसे!

शहर के कोलाहल पूर्ण वातावरण से दूर अभी भी बड़ी संख्या में गौरैया नदी किनारे बंगलों और बाग-बगीचों में दिख जाती हैं. अमूमन गौरैया अपने घोसले पक्के खोखले स्थानों पर ही बनाती हैं, जबकि बहुत घने पेड़ों में अशोक, आम और जामुन के पेड़ों में भी इनके घोसले बहुतायत में मिल जाते हैं.
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