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- तो अब मृत माने जायेंगे लापता
उत्तराखंड में पिछले महीने की 16-17 तारीख को आए जलप्रलय में गुम हो गये लोगों को दोबारा देखने की आस उनके परिजनों के मन में भले ही अब भी जिंदा हो, लेकिन अगर त्रासदी में लापता 5583 लोगों के बारे में आज यानि 15 जुलाई भी कोई खबर न मिली तो उन्हें मृत मान लिया जायेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लापता लोगों को मृत घोषित करने के बाद उनके परिजनों को पूर्वघोषित पांच लाख रूपये की मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.हालांकि उत्तराखंड सरकार द्वारा लिये गये एक फैसले के अनुसार, वह यह मुआवजा राशि सिर्फ अपने प्रदेश के रहने वाले लापता लोगों के परिजनों को ही देगी.हाल में राज्य कैबिनेट ने लापता हो गये लोगों के बारे में 15 जुलाई तक कोई खबर न मिलने पर उन्हें मृत घोषित करने का फैसला लिया था. कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा था,‘हम मुआवजा राशि उन्हीं लोगों के परिजनों को देंगे, जो उत्तराखंड के रहने वाले हैं.’ उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसा ही करने की अपेक्षा की है और उनसे अपने प्रदेशों के लापता हो गये लोगों को मुआवजा देने को कहा है. माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने यह कदम लापता लोगों की संख्या में पिछले एक सप्ताह के दौरान हुए भारी इजाफे के मददेनजर उठाया है. उत्तराखंड के 921 लोग आपदा में लापता हैं जबकि बाहर के प्रदेशों के 4662 लोग गुम हो गये.हांलांकि सरकार ने साफ किया है कि अभी भी विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकटठा की जा रही है और आपदा के शिकार लोगों के आंकड़ों में थोड़ी बहुत तब्दीली हो सकती है.मुआवजा के संबंध में बहुगुणा ने कहा कि त्रासदी से प्रभावित हुए उत्तराखंड के बाहर के लोगों को उनके प्रदेशों की सरकारें मुआवजा देंगी.हांलांकि पूर्व में राज्य सरकार ने कहा था कि आपदा में मारे गये सभी लोगों के परिजनों को पांच लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा.