रंगों की भाषा से किया यौन हिंसा का विरोध

Pics: रंगों की भाषा से किया यौन हिंसा का विरोध

भारत के नामी डिज़ाइनर और चित्रकारों ने कला के माध्यम से यौन हिंसा के खिलाफ खामोशी से अपनी आवाज़ उठाने की कोशिश की. महिलाओं की सुरक्षा के मामलों में दिल्‍ली पुलिस पूरी तरह से फेल दिखाई देती है. पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों में कोई कमी नही आ रही है. दूसरे तो दूसरे अब अपनों से भी महिलाओं को ज्यादा ख़तरा दिखाई देता है. महिलाओं के लिए लड़ाई लड़ने वाले एक सामाजिक संगठन की रिपोर्ट की मानें तो देश में हर घंटे करीब 18 महिलाएं किसी न किसी तरह के यौन अपराधों की शिकार होती हैं. महिलाओं के लिए काम करने वाली सेंटर फॉर सोशल रिसर्च नामक एक सामाजिक संस्था ने हाल ही में महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों पर एक अध्ययन कराया है. इसका आधार क्षेत्र दिल्ली का दक्षिण-पश्चिम जिला रहा है. जिनमें दिल्ली कैंट, इंदरपुरी, नारायणा, सेक्टर-23 द्वारका, द्वारका नार्थ, कापसहेड़ा, द्वारका साउथ, डाबरी, बिंदापुर, पालम गांव, सागरपुर, नजफगढ़, जाफरपुर कलां, छावला और बाबा हरिदास नगर के थानों को शामिल किया गया. इस अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले हैं. संस्था की निदेशक और जानमानी सामाजिक कार्यकर्ता डाक्टर रंजना कुमारी के मुताबिक पूरे देश में हर घंटे 18 महिलाओं के साथ यौन अपराध होने के मामले सामने आ रहे हैं.

 
 
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