- पहला पन्ना
- राष्ट्रीय
- हमेशा Sex घूमता था दिमाग में!

खुशवंत की दो आलोचनाएं होती हैं. उनका जिक्रकरना जरूरी समझता हूं. एक तो वे इंदिरा और संजय गांधी के कट्टर समर्थक रहे और उन्होंने इमरजेंसी का अक्षम्य समर्थन किया. दूसरी, अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थक उन्हें सलमान रूश्दी की पुस्तक द सैटेनिक वर्सेज पर लगी पाबंदी का जिम्मेदार मानते हैं.वर्ष 2007 में खुशवंत सिंह को 'पद्म विभूषण' से भी सम्मानित किया गया. उनके मुख्य उपन्यास 'डेल्ही', 'ट्रेन टु पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' औरतें, पाकिस्तान मेल हैं.
Don't Miss