हमेशा Sex घूमता था दिमाग में!

PICS: बुढ़ापे में भी कामुकता हावी थी, रोज शराब पीकर मस्त रहते थे खुशवंत सिंह!

अधिकतर लोग नहीं जानते कि खुशवंत सिंह पत्रकारिता में अपने जीवन के छठे दशक में आए. एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया था, मेरा सबसे बडा पाप यह है कि मैं स्थिर बैठना नहीं जानता. किसी बेचैन नदी की तरह हैं वे. बेचैन नदी बहती है और करोडों व्यक्तियों को जिंदगी देती है.

 
 
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