आम आदमी बनना आसान नहीं

 सीएम के लिए आम आदमी बनना आसान नहीं

आयोजक का तर्क सुनकर वहां भीख मांगने वाले तीन-चार नशेड़ियों ने आपत्ति की और कहा कि साहब हम बेघर, गरीब जरूर है लेकिन यह कतई मत कहिए कि ये गर्म कपड़े सिर्फ हमारे लिए ही हैं, देखिए इस ठिठुरती ठंड में हमने कोई वूलन कपड़ा पहना है, नहीं, न. फिर भी हम गरम हैं. तो फिर हम क्यों लोगों के उतरन वाला कपड़ा पहने. यदि आप हमारी स्थिति पर इतने ही विचलित हैं तो गरम कपड़ा देने की जगह हमें पेट भरने की कोई स्थायी जुगाड़ कर दो, बाकी हम देख लेंगे. उसकी बात सुनकर दान करने वाले आयोजकों का चेहरा देखने लायक था. प्रस्तुति : राकेश नाथ, अमित कुमार, पुरुषोत्तम भदौरिया, रविशंकर तिवारी, अतुल कुमार, ज्ञानप्रकाश (ऑफ द रिकार्ड)

 
 
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