PHOTOS:जश्न पर भारी पड़ा गम

PHOTOS:जश्न पर भारी पड़ा गम, नहीं हुए जश्न

रात रातभर थिरक कर नए साल का खैरमकदम करने वाले इस मुल्क में मातम है. देश का हर शहर, हर शख्स गमजदा है, खामोश है. एक अजीब सी वीरानी है. अगर आवाज उठ रही है तो बस अपनी उस बेटी को इंसाफ दिलाने की जो 16 दिसम्बर को राजधानी दिल्ली में कुछ दरिंदों की दरिंदगी का शिकार हो गई और मौत के साथ 13 दिन तक जूझने के बाद इस दुनिया से चली गई. नई दिल्ली में सोमवार इस मौसम का सबसे ठंडा दिन था. इसके बावजूद गैंगरेप की शिकार बनी छात्रा के लिए जंतर-मंतर पर न्याय की मांग कर रहे युवाओं की संख्या में कोई कमी नहीं थी. यहां पहुंचे युवा प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे नए साल के आयोजनों में शामिल नहीं होंगे और पीड़िता के प्रति संवेदना दिखाने के लिए मोमबत्तियां जलाएंगे. देशभर के कई हिस्सों में जश्न के अनेक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. राजधानी दिल्ली के ही कई होटलों, क्लबों और आवासीय संघों ने दिवंगत छात्रा के प्रति संवेदना दर्शाने के लिए या तो अपने पूर्व नियोजित आयोजन रद्द कर दिए या फिर उन्हें बहुत छोटे पैमाने पर आयोजित किया.

 
 
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