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- 'बा' के लिए गांधी ने किया था सत्याग्रह

उस घटना के वक्त गांधी के ठीक पीछे खड़े कल्याणम ने कहा कि गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से एक भी शब्द निकलने का सवाल ही नहीं था. हालांकि वह अक्सर कहते थे कि जब वह मरेंगे तो उनके होठों पर राम का नाम होगा. यदि वह बीमार होते या बिस्तर पर पड़े होते तो उनके मुंह से जरूर 'राम' निकलता. गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित आयोग ने उस दिन राष्ट्रपिता के सबसे करीब रहे लोगों से पूछताछ करने की जहमत भी नहीं उठाई. फिर भी, यह दुनियाभर में मशहूर हो गया कि गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे, लेकिन इसे कभी साबित नहीं किया जा सका. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आज ही के दिन (30 जनवरी 1948 को) दिल्ली में गोली मार दी गई थी.
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