फिर जला ज्ञान का दीप

नालंदा की धरती पर फिर से ज्ञान का सूर्योदय

प्रथम सत्र में औपचारिक परिचय के बाद विद्यार्थियों को इतिहास एवं पर्यावरण की जानकारी दी गयी. बाद में पत्रकारों के समक्ष कुलपति गोपा सबरवाल ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की नींव पड़ गयी. कम प्रचार प्रसार होने के कारण यहां छात्रों की संख्या कम रही. हालांकि यहां 35 देशों के 1400 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि अभी मात्र दो विषयों इतिहास और पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई शुरू की गयी है.

 
 
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