भीगी आंखों का सवाल, कब मिलेगी दाऊद को सजा?

Pics: ब्लैक फ्राइडे की बीसवीं बरसी पर आंसुओं से भीगी चादर

मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने अपनी गूंज में अनेक लोगों की खुशियों को खामोश कर दिया था. 12 मार्च को उस दुखद दिन के बीस वर्ष पूरे हो गए हैं. आज भी लोगों के जहन में उस दिन की दहशत इस कदर जिंदा है कि लोग इस दिन की घटना को याद कर फिर कराह उठते हैं. दुनिया के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सीरियल बम धमाके हुए थे. आज भी लोगों को इंतजार है इन बम धमाकों को कराने वाले दाऊद इब्राहिम होने वाली सजा का. 12 मार्च 1993, दिन शुक्रवार ये वो तारीख है जिसे भारत के इतिहास में ब्लैक फ्राइडे के नाम से जाना जाता है. देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई इसी दिन एक के बाद एक हुए 12 सिलसिलेवार धमाकों से दहल उठी थी. धमाकों में ढ़ाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सात सौ अधिक लोग जख्मी हो गए थे. इन धमाकों से लगभग 27 करोड़ से अधिक राशि की संपत्ति नष्ट हो गई थी. स्वतंत्र भारत में अब तक का यह सबसे पेचीदा मामला माना जाता है. आज तक भी इस मामले का मुख्य अभियुक्त दाऊद इब्राहिम पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैले दंगों में सोने की तस्करी करने वाले टाइगर मेमन का बिजनेस तबाह हो गया था. मेमन ने अपनी बर्बादी का बदला लेने के लिए मुंबई को दहलाने की साजिश रची.

 
 
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