काशी कब बनेगी क्योटो!

 बनारस को नहीं समझ पाये मोदी! कुछ भी नहीं बदला

सामाजिक सरोकरों से जुड़ी 'सत्या फाउंडेशन' के प्रमुख चेतन उपाध्याय ने कहा कि एक वर्ष बीत गए. सोचा था काशी का कायापलट हो जाएगा. मगर बनारस की छोटी-छोटी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि केवल बनारस में 2000 जगहों पर सीवर के मेनहोल खुले पड़े हुए हैं. रात की बात तो छोड़िए, दिन में भी चलना मुश्किल होता है.

 
 
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