काशी कब बनेगी क्योटो!

 बनारस को नहीं समझ पाये मोदी! कुछ भी नहीं बदला

असलम कहते हैं, "बनारस भोलेनाथ की नगरी है. बनारस के लोगों में बड़ा धैर्य है, लेकिन उसके धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. काम होगा तो सभी लोग खुले दिल से तारीफ करेंगे, चाहे वह किसी जाति या धर्म के हों."

 
 
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