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- सदन तो छूटा ही नेतागिरी भी गई...

जानकारों का कहना है कि अगर ऊपरी अदालत लालू को मिली सजा पर रोक लगा दे, तो जब तक रोक रहेगी, तब तक लालू प्रसाद पर यह बंदिश नहीं होगी. अर्थात वे चुनाव लड़ सकेंगे. बाद में ऊपरी अदालत ने अगर लालू को बरी नहीं किया और उनकी सजा को बरकरार रखा, तो नियम के मुताबिक सजा के दरम्यान और उसके छह साल तक वे चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.
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