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- गांगुली के बचाव में उतरे राम, क्यों दे इस्तीफा?

सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. सदाशिवम को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में लिखा है कि कमेटी ने पीड़ित लड़की, जस्टिस गांगुली और तीन गवाहों का लिखित और मौखिक बयान सुना. कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पीड़िता और जस्टिस गांगुली 24 दिसंबर 2012 को एक पांच सितारा होटल में रात 8 और 10.30 बजे के बीच मिले.पीड़िता के बयान से प्रथम दृष्टि में ये लगता है कि जस्टिस गांगुली का व्यवहार आपत्तिजनक था. उसे यौन शोषण कहा जा सकता है.उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए. के. गांगुली ने कानून की एक इंटर्न की यौन उत्पीडऩ की शिकायत पर उच्चतम न्यायालय पैनल से दोषी ठहराए जाने के आलोक में पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की तेज होती मांग पर आज कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.गुस्से में दिख रहे गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे परेशान नहीं करें ... मुझे परेशान नहीं करें. मैंने बहुत सहा है.’’ पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिख कर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के ‘‘गंभीर कदाचार’’ के खिलाफ तत्काल ‘‘उचित कार्रवाई’’ करने का आग्रह किया था.