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- अब SC का दरवाजा खटखटाएंगी जयललिता

जेठमलानी ने दंड प्रक्रि या संहिता की धारा 389 के तहत अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया. जेठमलानी ने न्यायमूर्ति चंद्रशेखर से कहा कि ‘नियमित परंपरा’ जमानत देने की है. अवकाशपीठ ने एक अक्टूबर को यह मामला आज के लिए स्थगित किया था. जेठमलानी ने कहा कि अपील पर तर्कपूर्ण समयावधि में सुनवाई होनी चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता ने 66. 65 करोड़ रुपए के आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 1991 और 1996 के बीच के समय से पहले की संपत्ति को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि जयललिता के आचरण के बारे में ऐसा कुछ भी खुलासा नहीं हुआ है कि वह फरार हो सकती हैं. शशिकला, सुधाकरण और इलावरासी की ओर से पेश वकील अमित देसाई ने अदालत से कहा कि किसी भी गवाह ने इन तीनों द्वारा संपत्ति अर्जित करने की बात नहीं कही और संदेह सबूत की जगह नहीं ले सकता.