देश में गरीबों की संख्या घटी!

Photos: यूपीए कार्यकाल में देश में गरीबों की संख्या घटी!

लगातार बढ़ती महंगाई के बीच सरकार ने दावा किया है कि यूपीए कार्यकाल के दौरान गरीबों की संख्या पहले के मुकाबले काफी घट गई है. योजना आयोग का दावा है कि आठ साल में गरीबों की तादाद में पंद्रह फीसदी की कमी आई है. योजना आयोग के मुताबिक प्रति व्यक्ति खपत के आधार पर देश की आबादी में गरीबों का अनुपात 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत पर आ गया. यह 2004-05 में 37.2 प्रतिशत पर था. योजना आयोग ने एक प्रकार से अपने पूर्व के विवादास्पद गरीबी गणना के तरीके के आधार पर ही यह आंकड़ा निकाला है. योजना आयोग के अनुसार, तेंदुलकर फार्मूला के तहत 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 816 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीबी की रेखा के नीचे था. शहरों में राष्ट्रीय गरीबी की रेखा का पैमाना 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह का उपभोग है.

 
 
Don't Miss