यूनेस्को की धरोहर बनने की दौड़ से बाहर हुई दिल्ली

PICS: यूनेस्को की धरोहर बनने की दौड़ से बाहर हुई दिल्ली, नालंदा से उम्मीदें

यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल होने की दौड़ से दिल्ली शहर का बाहर हो जाना बीते साल में कला और संस्कृति के क्षेत्र की सबसे निराशाजनक खबर रही, वहीं प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेषों का इस प्रतिष्ठित पहचान की दौड़ में रहना ऐतिहासिक विरासतों में रूचि रखने वालों के लिए उत्साह वाली खबर हो सकती है जिसे लेकर वे 2016 से उम्मीद कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने पिछले साल विश्व धरोहर शहर की दौड़ से दिल्ली का नामांकन वापस लेने का फैसला इसलिए किया था क्योंकि दिल्ली के नाम के साथ यह प्रतिष्ठित ठप्पा लग जाने के बाद यहां बुनियादी संरचनाओं के निर्माण कार्य में काफी पाबंदियां बरतनी होंगी. यूनेस्को को भेजे गए दस्तावेज में जो दो इलाके सूचीबद्ध थे, उनमें पुरानी दिल्ली में मुगलकालीन शाहजहानाबाद और नई दिल्ली में लुटियन्स बंगला जोन (एलबीजेड) थे.

 
 
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