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- Pics : श्राप से खंडहर में तब्दील हो गया महल

इतिहासकारों के मुताबिक, 1857 के दौरान भी उसने अंग्रेजों का साथ दिया था. स्थानीय बुजुर्ग कहते हैं कि जगतपाल सिंह की गवाही के कारण ही झारखंड के क्रांतिकारी ठाकुर विश्वनाथ नाथ शाहदेव को फांसी दी गई थी.
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