'CBI बताए, स्टेटस रिपोर्ट में क्या बदलाव हुए'

कोयला घोटाला:

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के हलफनामे पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोलगेट मामले में राजनीतिक दखल पर चिंता जताते हुए फटकार लगाई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को आदेश दिया हैं कि वह इस बात का हलफनामा दें कि स्टेटस रिपोर्ट में क्या बदलाव हुए थे और यह किसके कहने पर किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई प्रमुख को यह भी आदेश दिया कि वह छह मई तक इस बात का स्पष्टीकरण दें कि आठ मार्च की स्टेटस रिपोर्ट में इसका खुलासा क्यों नहीं किया गया था कि मसौदा रिपोर्ट सरकार के साथ साझा की गई है. सीबीआई निदेशक से यह बताने को भी कहा गया है कि जांच एजेंसी ने एएसजी के माध्यम से किस आधार पर यह बयान दिया था कि स्टेटस रिपोर्ट किसी से साझा नहीं की गयी. सुप्रीम कोर्ट ने कोलगेट मामले में कानून मंत्री और दूसरे अधिकारियों को जांच रिपोर्ट का मसौदा दिखाने संबंधी सीबीआई निदेशक के हलफनामे को ‘बहुत बेचैन करने वाला’ करार देते हुए जांच एजेंसी से पूछा है कि इस मुद्दे पर अदालत को अंधेरे में क्यों रखा गया. कोयला खदान आवंटन मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि इस तथ्य पर ‘पर्दा डालना’ कोई ‘सामान्य बात नहीं है’ कि सीबीआई ने जांच रिपोर्ट सरकार को दिखाई. सुनवायी के समय न्यायालय कक्ष खचाखच भरा हुआ था. न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा द्वारा 26 अप्रैल को दाखिल किए गए हलफनामे में ‘बहुत बेचैन करने वाली बाते हैं’’ और इस जांच एजेंसी की स्वतंत्रता बहाल होना चाहिए और उसे बाहरी दबावों से मुक्त करने की जरूरत है. सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो भी सवाल पूछे हैं, उनके जवाब छह मई को हलफनामे के जरिए कोर्ट के सामने रखे जाएंगे. राजनैतिक दबाव में काम करने के मामले पर सीबीआई निदेशक ने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच का मामला है.

 
 
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