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- दाल भात खाता था 'गंगाराम', बनेगा मंदिर
मोहतरा के ग्रामीण बताते हैं कि गंगाराम ने कभी किसी को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचाया और बच्चों को देखकर वह खुद ही तालाब में घुस जाता था। पिछले दिनों ग्रामीणों ने मगरमच्छ को तालाब में अचेत देखा तो उसे बाहर निकाला। गंगाराम की मौत के दिन गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। ग्रामीण गंगाराम का स्मारक बनाने की तैयारी कर रहे हैं और जल्द ही एक मंदिर बनाया जाएगा ताकि लोग उसकी पूजा कर सकें।
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