दाल भात खाता था 'गंगाराम', बनेगा मंदिर

PICS:सवा सौ साल के मगरमच्छ गंगाराम की मौत पर रोया पूरा गांव, बनेगा मंदिर

एक ऐसे दौर में जब लोग अपने परिवार को भी एकजुट नहीं रख पाते हैं, छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के एक गांव के लोगों ने करीब सवा सौ साल तक एक मगरमच्छ को न सिर्फ पाल पोस कर रखा, बल्कि जब उसकी मौत हुई तो पूरा गांव रो पड़ा और ‘नफरत की दुनिया को छोड़ प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार’ की तर्ज पर अब समूचे गांव ने यह फैसला किया है कि ग्रामीण आबादी के साथ एक परिवार के सदस्य की तरह ही मिलकर रहने वाले मांसाहारी जीव की नेकनीयती और नेकचलनी के एवज में न सिर्फ उसका मंदिर बनाया जाएगा, बल्कि हर साल उसकी याद में कोई उत्सव मनाकर उसको श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।यह कहानी है गंगाराम की, जो एक मगरमच्छ जरूर था मगर इंसानी रिश्तोंकी अहमियत और उनको निभाने के दस्तूर को उसने सवा सौ साल तक पूरी शिद्दत के साथ निभाया। बेमेतरा मोहतरा में मगरमच्छ की शवयात्रा जब निकाली जा रही थी तो पूरा गांव रोया। मंगलवार को मोहतारा गांव के तालाब में रहने वाले मगरमच्छ गंगाराम की मौत अब खबरों की राष्ट्रीय सुर्खियां बन गई है।

 
 
Don't Miss