अगवा बच्ची का शव मिलने पर बवाल, लाठीचार्ज

अगवा बच्ची का शव मिलने पर बवाल, लाठीचार्ज

इसी दौरान सीओ एके सिंह भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन भीड़ ने उनसे हाथापाई कर पुलिस दल पर पथराव कर दिया. पुलिसकर्मी कम होने के कारण बैकफुट पर आ गए. बाद में अन्य थानों से फोर्स को बुलाया गया. तब तक भीड़ बढ़ चुकी थी. भीड़ ने दोबारा पथराव कर दिया. भीड़ के तेवर देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े. दोनों पक्षों में झड़प का सिलसिला करीब आधे घंटे तक चला. बाद में पुलिस ने पथराव और हंगामा करने वालों को घरों से खींच-खींचकर बाहर निकाला. इस दौरान महिलाओं व मृत बच्ची के मां-बाप को भी चोट आई. मौके पर एडीएम सिटी डीके सचान व एसीएम प्रथम राजकुमार सिंह भी पहुंच गए. पुलिस मामला शांत होने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई और पकड़े लोगों को थाने ले आई. दिन में करीब दस बजे भीड़ थाने पर आ जुटी. महापौर शकुन्तला भारती, भाजपा नेता चौ. देवराज सिंह, दीपक मित्तल, मानव महाजन, संजीव राजा तथा बसपा के गजराज सिंह विमल, सूरज सिंह आदि भी पहुंच गए. उन्होंने देवेश बघेल और निदरेषों को छोड़ने की मांग की. पुलिस से नोकझोंक के दौरान नारेबाजी भी हुई. बाद में एसपी सिटी ने माइक से सभी को थाने से जाने की चेतावनी दी, तब लोग वहां से हटे. पथराव में सीओ एके सिंह, थाना प्रभारी रनवीर सिंह खरगवाल, एसआई एके गौतम, सिपाही देवेन्द्र, राजकुमार, योगेन्द्र व अनिल कुमार घायल हो गए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने फायरिंग करने की बात का खंडन किया. उधर डीआईजी प्रकाश डी ने घटना में पुलिस के हल्का बल प्रयोग करने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि झड़प में पुलिस के स्तर से महिलाओं से बदसलूकी की शिकायतें भी मिली हैं. ऐसे मामलों की वह जांच करेंगे और अगर कोई दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

 
 
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