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- PICS:संसद पर हमले की 12वीं बरसी

भिंच जाती है मुट्ठियां और तन जाती हैं नसें, उन नापाक मंसूबों की तरफ जिसने सोचा था कि ऐसे धमाकों से दहलाकर वो इस मुल्क का मुकद्दर बदल सकता है. आज सोचता होगा तो उसे अपनी करनी पर रोना आता होगा.
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