फिर जला ज्ञान का दीप

नालंदा की धरती पर फिर से ज्ञान का सूर्योदय

कहा जाता है कि इतिहास खुद को दोहराता है. उसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है नालंदा विश्वविद्यालय. 1193 ई. में तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा ज्ञान का केंद्र नालंदा विश्वविघालय को नष्ट कर दिया था. उसके बाद किसी ने नहीं सोचा होगा कि उस विश्वविद्यालय की तर्ज पर नालंदा में पुन: विश्वविद्यालय की स्थापना होगी लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की परिकल्पना के बाद नालंदा में पुन: ज्ञान के केंद्र के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा का उदय हो चुका है. यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा के प्रथम सत्र की पढ़ाई सोमवार से शुरू हो गयी. शैक्षणिक सत्र के प्रथम दिन विश्वविद्यालयों के छात्रों, फैक्लटियों, डीन और कुलपति सभी के चेहरे पर सुकून के साथ आत्मविास झलक रहा था.

 
 
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