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- Movie review: उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी '31 अक्टूबर'
शिवजी लोटेन पाटिल की फिल्म 31 अक्टूबर ने शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. 31 अक्टूबर 1984 प्रधानमंत्री इंद्रिरा गांधी के समय का वो दिन है जिसे लोग जो भुलाए नहीं भुल सकते. उन्हें उन्ही के सिख अंगरक्षको ने गोली मार दी थी जिसके बाद ये लड़ाई फैलती रही. इसी आपातकालीन के दौरान घटी धटनाओं को '31 अक्टूबर' फिल्म के माध्यम से से दिखाने की कोशिश की है. इस फिल्म को सेंसर न होने की वजह से इसकी रिलीज डेट कई बार बदली भी गई. आइए जानें उस आपातकालीन स्थिती को पर्दे पर द्खाने में कितनी सफल रही है फिल्म.....
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