Film Review: ‘तलवार’- कड़वी हकीकत का परिपक्व चित्रण

PICS: Film Review: ‘तलवार’- कड़वी हकीकत का परिपक्व चित्रण

आरूषी तलवार के माता-पिता को उसकी हत्या का दोषी ठहराए हुए लगभग दो साल हो चुके हैं लेकिन इस सनसनीखेज मामले के कई पहलू अभी भी सामने नहीं आ सके हैं. मेघना गुलजार की फिल्म ‘तलवार’ उन अनसुलझे सवालों को एक बार फिर सबके सामने रखती है. इस फिल्म ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया है. शुरूआत निर्देशिका से करते हैं, जो कि एक लंबे समय के बाद वापसी कर रही हैं. फिल्म के विषय की संवेदनशीलता को बनाए रखने में वह सफल रही हैं. इस कहानी से जुड़ी जटिलताओं को वह पूरे विास और संतुलन के साथ दिखाने में सफल रही हैं. फिल्म ‘तलवार’ शोध और अदालती कार्यवाही से मिली जानकारी के आधार पर वर्ष 2008 में नोएडा में हुए दोहरी हत्या के मामले के अनसुलझे सवालों को उठाती है. फिल्म के सहनिर्माता और संगीतकार विशाल भारद्वाज द्वारा लिखी गई शानदार पटकथा पर काम करते हुए निर्देशिका ने एक शांत लेकिन बेहद प्रभावशाली ड्रामा पर्दे पर जीवंत किया है. दिलचस्प किस्सागोई और निरंतरता के लिहाज से ‘तलवार’ एक शानदार उपलब्धि है.

 
 
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