मंदिरों का एक गांव

 मंदिरों का एक गांव

झारखंड की उपराजधानी दुमका से 55 किलोमीटर दूर मंदिरों की नगरी मलूटी आज सरकारी उपेक्षा और प्राकृतिक आपदाओं को झेलते-झेलते अपनी ऐतिहासिक पहचान को खोती जा रही है. इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित परेड में मलूटी गांव की झांकी जब राजपथ पर प्रस्तुत की गई, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इसे देख अभिभूत हुए थे. राजपथ पर प्रस्तुत 15 राज्यों की झांकियों में झारखंड की इस झांकी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था. इसके बाद मलूटी के दिन संवरने के आसार तेज हुए हैं. प्राचीन काल में यह क्षेत्र गुप्तकाशी के रूप में जाना जाता था. टेराकोटा कला पर आधारित कई मंदिर यहां एक साथ देखे जा सकते हैं. ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, गौड़ राज्य के बादशाह अलाउद्दीन हुसैन शाह (1493-1519) द्वारा दी गई जमीन पर मलूटी 'कर मुक्त राज्य' की स्थापना हुई थी.

 
 
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