करवाचौथ: जानें, पूजा का मुहूर्त और कब होंगे चंद्रदर्शन

करवाचौथ: सौ वर्ष बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानिए पूजा का मुहूर्त और कब होंगे चंद्रदर्शन

स्त्रियों द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाए जाने वाले पर्व को करवाचौथ के नाम से जाना जाता है. इस व्रत के दिन चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि आवश्यक है. करवाचौथ के व्रत को अखंड सुहाग प्रदान करने वाला माना जाता है. इस साल सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवाचौथ का व्रत बुधवार (19 अक्टूबर) को रखेंगी. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार करवा चौथ काफी महत्वपूर्ण है. यह व्रत इस बार बुधवार को मनाया जा रहा है. बुधवार को शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है. इस दिन बुध अपनी कन्या राशि में रहेंगे. बुधवार प्रथम पूज्य गणेश और भगवान कृष्ण दोनों का दिन है. ये अद्भुत संयोग करवाचौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है. इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है. मान्यता है कि जब पांडव वन-वन भटक रहे थे तो भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को इस दिव्य व्रत के बारे बताया था. इसी व्रत के प्रताप से द्रौपदी ने अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान पाया था.

 
 
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