परिवर्तन की परिपाटी को किया ध्वस्त

Profile: जयललिता ने सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को किया ध्वस्त

जे जयललिता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह तमिलनाडु की राजनीति की एक सशक्त धुरी हैं. इस बार तो उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बारी-बारी से सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को ध्वस्त करते हुए अपनी पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत दिलाई. तमिलनाडु में 1989 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में बरकरार रहने में सफल रही. ‘पुरची तलैवी’ (क्रांतिकारी नेता) के तौर पर पहचानी जाने वाली 68 वर्षीय अन्नाद्रमुक सुप्रीमो ने चुनौतियों के बावजूद मजबूती के साथ खड़े रहने की अपनी एक छवि बनाई है, हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप के कारण उनको दो बार पद छोड़ना पड़ा. बाद में उन्होंने वापसी भी की. सिर पर एमजी रामचंद्रन जैसे दिग्गज का हाथ होने के बावजूद जयललिता को सियासत के शुरूआती दिनों में संघर्ष करना पड़ा. वह 1989 में अन्नाद्रमुक की महासचिव बनीं.जयललिता ने 1989 में कसम ली कि वह जब तक मुख्यमंत्री नहीं बन जातीं तब तक विधानसभा नहीं लौटेंगी. अब वह छठी बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं. विपक्ष ने उन्हें ‘आम लोगों की पहुंच से दूर’ और ‘अधिनायकवादी’ करार देते हुए निशाना साधा, लेकिन लोगों के बीच उनकी छवि धूमिल नहीं हुई. उन्होंने ‘अम्मा कैंटीन’ जैसी कल्याणकारी योजनाओं से राज्य के आम लोगों के बीच अपनी पैठ मजबूत की.

 
 
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