ये रहे सबसे आगे

PHOTOS:सत्यार्थी, मनमोहन, शिवतनु, इला गांधी .. रहे सबसे आगे

नोबेल पुरस्कारों की सूची में एक और भारतीय ने इस साल अपना नाम दर्ज कराया. भारतीय उपमहाद्वीप में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करने के लिए भारत के कैलाश सत्यार्थी शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए गए. वर्ष 2014 में सत्यार्थी सहित अन्य भारतीयों ने भी अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बाल अधिकारों के लिए काम कर रहे 60 वर्षीय सत्यार्थी ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ नामक गैर सरकारी संगठन का संचालन करते हैं. इस संगठन ने भारत में कारखानों और दूसरे कामकाजी स्थलों से 80,000 से अधिक बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया. नार्वे की नोबेल समिति के प्रमुख थोर्बजोर्न जगलांद ने 10 दिसंबर को ओस्लो में सत्यार्थी को पुरस्कार प्रदान करने से पहले अपने संबोधन में कहा कि उन जैसे लोगों को अलफ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में शांति का मसीहा कहा था.

 
 
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