गर्त में 1857 के गदर का इतिहास!

Pics : क्या गर्त में मिल जायेगा 1857 के गदर का इतिहास?

राष्ट्रीय अभिलेखागार ने सन 1857 के गदर और देश की आजादी के लिए आंदोलन चलाने वालों एवं विभिन्न माध्यमों से योगदान और बलिदान देने वालों का ब्यौरा देने में अपनी अक्षमता प्रकट करते हुए कहा कि उपलब्ध जानकारी उर्दू में है और वह इस अवस्था में नहीं है कि उसकी प्रतिलिपि कराई जा सके. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत राष्ट्रीय अभिलेखागार से सन् 1857 के गदर में मुल्क की आजादी की मुहिम के लिए बलिदान या योगदान देने वालों एवं विभिन्न आंदोलनों और बैठकों का ब्यौरा मांगा गया था. राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इसके जवाब में कहा कि मांगी गई जानकारी अभिलेख अनुभाग में उपलब्ध है, जो उर्दू में है और प्रतिलिपि करने की अवस्था में नहीं है.

 
 
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