देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करती थी सुरैय्या

देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करती थी सुरैय्या

बॉलीवुड अभिनेत्री सुरैया को अपना सबसे पहला बड़ा काम अपने चाचा जहूर की मदद से मिला जो उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे. वर्ष 1941 में स्कूल की छुटिट्यो के दौरान एक बार सुरैया मोहन स्टूडियो में फिल्म ताजमहल की शूटिंग देखने गयी. वहां उनकी मुलाकात फिल्म के निर्देशक नानु भाई वकील से हुयी जिन्हें सुरैया में फिल्म इंडस्ट्री का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया. उन्होंने सुरैया को फिल्म के किरदार मुमताज महल के लिये चुन लिया.

 
 
Don't Miss