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- बॉक्स ऑफिस पर ‘शमिताभ’

मेरा तो यहां तक मानना है कि हिन्दी फिल्मों में पहली बार ऐसी कहानी लिखी गई है. जहां तक फिल्म के टाइटल की बात की जाये तो यह नाम सिर्फ इसलिये नहीं रखा गया कि थोड़ा संसेशनल है बल्कि यह पूरी तरह कहानी से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि आपके और आपके कोआर्टिस्ट धनुष के नाम के अक्षरों को लेकर ये टाइटल बनाया गया है? इसे आप इतेफाक कह सकते हैं कि ऐसा हो गया वरना अगर फिल्म में धनुष नहीं भी होते, तो भी फिल्म का नाम यही होता. बेसिकली फिल्म की वन लाइन कुछ यूं हैं कि दो इंसान हैं जिनमें अलग-अलग खूबियां हैं. जब ये मिल जाते हैं तो शमिताभ हो जाते हैं.
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