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- मां की भूमिका घिसी पिटी हो गयी है
परदे पर ‘‘दिवार’’ में निरूपा रॉय ‘‘त्रिशूल’’ में वहीदा रहमान, ‘‘खूबसूरत’’ में दीना पाठक और ‘‘शक्ति’’ और ‘‘राम लखन‘‘ में राखी की भूमिका का उदाहरण देते हुए शेफाली ने कहा कि 60-70 के दशक में मां के एक मजबूत किरदार के बिना कहानी अधूरी रहती थी लेकिन आज इस तरह की भूमिका अक्सर घिसी पिटी होती है.
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