Kabali: रजनीकांत... नाम ही काफी है

Review: कबाली में रजनीकांत का स्टारडम, नाम ही काफी है

फिल्म की शुरुआत जेल से होती है. कबाली के नाम से जाना जाने वाले मलेशियाई डॉन कबालीशवरण (रजनीकांत) मलेशिया में जेल की सजा काट कर बाहर निकल रहा होता है. फिल्म फ्लैशबैक में जाती है तो पता चलता है कि कबाली का अपना एक संगठन था जो मलेशिया में तमिलों के अधिकारों के मसले को उठाने के साथ-साथ उनकी भलाई के काम करता है. कम समय में कबाली भारतीय समुदाय का नेता बन जाता है और मलेशिया में गैर कानूनी तरीके से काम करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल देता है जिससे चाइनीज ड्रग तस्कर टोनी ली (विंस्टन चाओ) का व्यापार काफी प्रभावित होता है. कबाली की लोकप्रियता कई भारतीय नेताओं को नागवार गुजरती है और वे टोनी से हाथ मिलाकर कबाली को मारने की योजना बनाते हैं. दोनों गिरोह की लड़ाई में कबाली पत्नी (राधिका आप्टे) और बेटी (धंसिका) से बिछड़ जाता और उसे लगता है कि दोनों मर चुके हैं. हालांकि बाद में कबाली को पता चलता है कि दोनों जिंदा हैं. कबाली अपनी पत्नी से कैसे मिलता है और ड्रग तस्कर गिरोह का सामना कैसे करता है, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखना पड़ेगा.

 
 
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