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- सबको अपने रंग में रंग लेगी रंगरसिया

बाद में उनसे फिल्म को लेकर करीब छह महीने तक पंगा रहा. दरअसल, जो वह चाहते थे मुझे मंजूर नहीं था इसलिए जब वह नहीं माने तो मुझे रिवाइजिंग कमेटी जाना पड़ा. उन्हें फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने उसे सर्वश्रेष्ठ कृति तक कहा. इसके बाद फिल्म दुनिया के आधा दर्जन फिल्म फेस्टिवल्स में गई और सभी जगह सराही गई.
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