संजीव कुमार की आंखें भी बोलती थीं

Death anniversary : रूपहले पर्दे पर संजीव कुमार की आंखें भी बोलती थीं

निर्माता निर्देशक के. आसिफ को अपनी फिल्म के लिए एक ऐसे अभिनेता की तलाश थी जिसकी आंखें भी रूपहले पर्दे पर बोलती हों और यह संजीव कुमार पर आकर खत्म हुई थी. गुरूदत्त की असमय मौत के बाद के. आसिफ ने अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म 'लव ऐंड गॉड' का निर्माण बंद कर दिया और अपनी नई फिल्म 'सस्ता खून मंहगा पानी' के निर्माण में जुट गये. राजस्थान के खुबसूरत नगर जोधपुर में हो रही फिल्म की शूटिंग के दौरान एक नया कलाकार फिल्म में अपनी बारी आने का इंतजार करता रहा. इसी तरह लगभग दस दिन बीत गये और उसे काम करने का मौका नहीं मिला. बाद में के. आसिफ ने उसे वापस मुंबई लौट जाने को कहा. यह सुनकर उस नये लड़के की आंखों में आंसू आ गये. कुछ दिन बाद के. आसिफ ने 'सस्ता खून और मंहगा पानी' बंद कर दी और एक बार फिर से 'लव ऐंड गॉड' बनाने की घोषणा की.

 
 
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