PICS: जिंदगी एक सफर है सुहाना

PICS:राजेश खन्ना: जिंदगी एक सफर है सुहाना

1972 में उनकी स्टारडम की खत्म होने की चर्चा जोरों पर थी. राजेश खन्ना ने खुद कबूल किया कि अपनी सफलता के चरम पर उन्होंने परिप्रेक्ष्य खो दिया था. उन्होंने माना कि वो अपने स्टाइल और एक्टिंग को दोहरा रहे थे, ‘निर्देशक जोर देकर मुझसे कहते थे कि उसी तरह आंखे झपकाओ जैसे ‘आराधना’ में किया था..इन अदाओं का ज्यादा इस्तेमाल ही बाद में मेरे खिलाफ चला गया.’

 
 
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