इक्कीस तोपों की सलामी

Review: पिता के सपनों को पूरा करेगी इक्कीस तोपों की सलामी

"इक्कीस तोपों की सलामी' ऐसी फिल्म है जिसमें रिश्ते, समाज, आम आदमी की समस्याएं और उनके निराकरण शामिल हैं. यह कॉमेडी फिल्म है, जो हमारे ख्यालों को तरोताजा करती बुद्धिमानी से भरी है. कहानी यूं है- दो बेटे उन ख्बाव को सच करने के लिए निकल पड़ते हैं जिसे पूरा करने का सपना उनके पिता ने देखा था. कहानी में एक पिता के सपने को पूरा करने में उस पिता के जज्बे का सम्मान दर्शाया गया है. हौसला और हंसी से भरपूर यह फिल्म शेखर और सुभाष जोशी नामक बेटों के इर्द-गिर्द घूमती है. इसी कोशिश के प्रतीक रूप से इस फिल्म का नाम पड़ा है. पिता पुरु षोत्तम जोशी एक मामूली किस्म का इंसान है जो जिंदगीभर सरकारी कर्मचारी रहने के बावजूद सिर्फ इसलिए तारीफें नहीं जुटा पाता क्योंकि वह बेहद ईमानदार है.

 
 
Don't Miss