Movie review: ‘मिर्ज्या' एक प्यारी-सी कविता

Movie review: प्यार में ऊंच-नीच की बेड़ियों को तोड़ पाएगी ‘मिर्ज्या

गीतकार गुलज़ार साहब पूरे 17 वर्षों बाद स्क्रिप्ट राइटिंग में अपनी वापसी कर रहे हैं. और फिल्म देखकर तो मानना पड़ेगा की गुलज़ार साहब ने एक एक सीन को फुर्सत में लिखा है. फिल्म को देखकर आपको लगेगा कि आप कोई कविता सुनहरे परदे पर देख रहे हों. फिल्म की स्क्रिप के साथ सात उन्होंने इसके गाने भी लिखे हैं। सभी गाने काफी सुरमयी बन पड़े हैं, जिसका क्रेडिट फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर्स शंकर-एहसान-लॉय को भी उतना जाता है जितना कि गुलज़ार साहब को.

 
 
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