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- पुरुषत्व की अवधारणा फिर से परिभाषित होनी चाहिए : फरहान

फिल्मकार-अभिनेता-गायक ने कहा, मजबूत और निवारण कानूनों और तेज न्याय से इससे निपटा जा सकता है लेकिन यह कदम लिंग आधारित हिंसा को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, समाज को बदलना होगा क्योंकि यह समाज ही कानून तोड़ता है. एक सांस्कृतिक बदलाव लाना होगा, समाज के सभी वगरे को मानसिकता बदलनी होगी, एक पर्वितन यह है कि पुरुषत्व की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित किया जाना चाहिए, न सिर्फ आज के पुरुषों के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी.
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