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- Exclusive: पूरी हुई अधूरी ख्वाहिश
फिर भी इन सब के साथ काम करते हुए क्या फीलिंग रही? नसीर जी, पंकज जी और डिंपल जी के साथ काम करते हुये मुझे जो पहला सबक मिला, वह था कि कोई भी फिल्म नापतौल कर नहीं की जा सकती. इसके अलावा किसी भी भूमिका को पहले समझना, फिर उसके भीतर आसानी से घुसना होता है. जहां तक फीलिंग की बात की जाये तो मुझे जब एक साथ इन कलाकारों के साथ मौका मिल रहा था तो मैंने सोचा कि इस बार क्यों न कुछ अलग किया जाये.
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