पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर लगा ग्रहण!

विवादों से घिरी फिल्म

सैमसन ने फैसले को सही ठहराते हुए सिनेमैट्रोग्राफी (सर्टिफिकेशन) नियम 1983 के नियम संख्या 32 का हवाला दिया जो प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकी फिल्मों का फिर से परीक्षण करने की बात करता है. नियम कहता है कि अगर केन्द्र सरकार को जरूरी लगता है कि वह अध्यक्ष को फिल्म पर फिर से गौर करने के लिए कह सकती है. फिल्म के निर्माता प्रदीप बंसल ने कहा है कि फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है. यह फिल्म न्यायमूर्ति ठक्कर आयोग के निष्कषरें पर आधारित है. इस आयोग ने इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच की थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह संतुलित फिल्म है जिसमें किसी भी धर्म या संप्रदाय का अपमान नहीं किया गया है. कुछ लोग फिल्म को देखे बिना अनावश्यक विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं’’.

 
 
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