सुनहरे पर्दे पर नन्हे सितारे

 सुनहरे पर्दे पर नन्हे सितारे

यूं तो हिन्दी सिनेमा युवा प्रधान है और समूचा सिने उद्योग युवा, उसकी सोच और मांग को ध्यान में रखकर फिल्मों का निर्माण करता है लेकिन बाल कलाकारों ने इस व्यवस्था को अपने दमदार अभिनय से लगातार चुनौती दी है. बाल फिल्मों की गिनीचुनी संध्या और बाल कलाकारों को मुख्यधारा के सिनेमा में कमजगह मिलने के बावजूद इन कलाकारों का इतिहास काफी लंबा है. इनमें बेबी तबस्सुम, मास्टर रतन, डेजी ईरानी, पल्लवी जोशी, मास्टर सचिन, नीतू सिंह, पद्मिनी कोल्हापुरे और उर्मिला मातोंडकर का नाम काफी मशहूर हुआ.

 
 
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