ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया

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हिन्‍दुस्तान में शास्त्रीय रागों पर आधारित गजल गायकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाली विख्यात गायिका बेगम अख्तर के परिचय में उर्दू के अजीम शायर कैफी आजमी की कही यह पंक्ति ही काफी है- ''गजल के दो मायने होते हैं-पहला गजल और दूसरा बेगम अख्तर.'' बेगम अख्तर अपनी मखमली आवाज में गजल, ठुमरी, ठप्पा, दादरा और ख्याल पेश कर मशहूर होनेवाली एक सदाबहार गायिका थीं. सात अक्टूबर, 1914 को उत्तर प्रदेश राज्य के फैजाबाद में जन्मीं प्रतिभाशाली कन्या अख्तरी बाई यानी बेगम अख्तर आगे चलकर 'मल्लिका-ए-गजल' कहलाईं और पद्मभूषण से सम्मानित हुईं. उनका बचपन का नाम 'बिब्बी' था.

 
 
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